"अनन्त" जो रफ्तार जगत की "अनन्त" जो रफ्तार जगत की
त्यौहार के समय खरीदारी करते हुए कवी के फटी जेब की दास्तान त्यौहार के समय खरीदारी करते हुए कवी के फटी जेब की दास्तान
जैसा पानी दिखता है वैसा लोग भरते है जैसा पानी दिखता है वैसा लोग भरते है
सुबह का भूला शाम को लौटे सुबह का भूला शाम को लौटे
मेरा हौसला तेरा मुस्तकबिल है जी जान लगा देंगे मिलनी ज़रूर मंजिल है। मेरा हौसला तेरा मुस्तकबिल है जी जान लगा देंगे मिलनी ज़रूर मंजिल है।
दो जून कि रोटी का बापू जुगाड़ करते हैं पापी पेट के नाम पर हाड़ तोड़ मेहनत करते हैं दो जून कि रोटी का बापू जुगाड़ करते हैं पापी पेट के नाम पर हाड़ तोड़ मेहनत करत...